डॉ. श्रीकृष्ण शास्त्री वैदिक ज्योतिषशास्त्र एवं वास्तुशास्त्र के युवा विद्वान है। इनका जन्म राजस्थान राज्य में सीकर जिले के हमीरपुरा (कलां) ग्राम में गौड़ विप्र परिवार में हुआ है। इनके पिताजी पं. महेश चन्द्र शास्त्री वैदिक ज्योतिष एवं पौरोहित्य कर्म के लब्धप्रतिष्ठित विद्वान एवं इनके पूर्वज खण्डेला राजा के कुलपुरोहित रहे हैं।। बाल्यकाल से ही शास्त्रीजी ने ज्योतिषशास्त्र एवं कर्मकाण्ड का आधारभूत ज्ञान अपने पितामह पं. भूरामल तिवाड़ीजी के सान्निध्य में प्राप्त किया। तत्पश्चात अपराकाशी जयपुर से फलितज्योतिष में ज्योतिषाचार्य की उपाधि प्राप्त की। शास्त्रीजी विगत 10 वर्षों से ज्योतिषशास्त्र के माध्यम से सामान्यजन को लाभान्वित कर रहे है। 10 से अधिक शोधसम्मेलनों में भागग्रहण तथा समय समय पर प्रसिद्ध ज्योतिष वास्तु पत्रिकाओं में इनके शोधपत्र प्रकाशित होते रहते है। वर्तमान में शास्त्रीजी अपनी विद्वत कुलपरम्परा का निर्वहण करते हुए वैदिक ज्योतिष एवं भारतीय वास्तुशास्त्र अनुसन्धान में सतत संलग्न है।