23 सितम्बर 2020 के प्रातः राहू का गोचर वृषभ राशि मे प्रवेश कर जाएगा जो लगभग 18 महीने तक प्रभावी रहेगा , फलित ज्योतिष के अनुसार इसका सभी राशियों पर इस प्रकार पड़ेगा …….
मेष : – राहू का संचार द्वितीय भाव मे होना शुभफदायी होगा फलस्वरूप आकस्मिक धन प्राप्ति का योग बनेगा राहू की सप्तम दृष्टि अष्टम भाव पर होने से तंत्र मंत्र व साधना मे रुचि बनेगी , अचानक शत्रु व रोग उभरेंगे पर आप उन्हे दबाने मे सफल रहेंगे ! केतू अष्टम मे होने के कारण पाप कर्म की और प्रेरित करेगा इसलिए सावधान रहें !
वृष :- राहू का संचार प्रथम भाव मे अपनी उच्च राशि मे होना राजयोग कारक रहेगा ,फलस्वरूप बुद्धि बल से कार्य बनेंगे , जिसमे आप साम, दाम, दंड, भेद , झूठ व छल का भी प्रयोग करेंगे , लोक व्यवहार मे बड़ी उपलब्धि प्राप्त करेंगे दांपत्य जीवन मे कुछ कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है , सप्तमस्थ केतू व्यापार / नौकरी मे लाभ का योग बनायेगा !
मिथुन : – राहू का संचार द्वादश भाव मे होने से खर्चों मे वृद्धि , व बाहरी यात्राओं से धन लाभ का योग बनेगा , नेत्र रोग मे वृद्धि व शय्या सुख मे कमी रहेगी, वाहन लाभ का योग भी है !
कर्क :- राहु का गोचर एकादश भाव मे होने से व्यवसाय मे धोखा व कमीशन व सट्टा के माध्यम से धन लाभ होगा ! प्रणय संबंधो मे सावधानी बरते अन्यथा अपमानित होना पड़ सकता है !
सिंह :- राहू का गोचर दशम भाव मे होने से राजयोग कारक फल मिलेगा परिणाम स्वरूप कार्य क्षेत्र मे पद , प्रतिष्ठा व धन लाभ होगा , माता को कुछ शारीरिक कष्ट रह सकता है व घर मे किसी दोष के कारण अशांति व्याप्त रहेगी !
कन्या : – राहू का गोचर नवम भाव मे होने से सांसारिक सुख व भाग्य मे वृद्धि होगी , अधिक जोख़िम लेने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ सकता है !
तुला :- राहू का गोचर अष्टम भाव मे होने के कारण गुप्त विद्या मे सिद्धि या तंत्र का प्रभाव आप पर हो सकता है , परिणाम स्वरूप वैवाहिक जीवन मे कलह पूर्ण स्थिति बनेगी , अपने पराक्रम से धन लाभ व धन संचय करने मे सफलता मिलेगी !
वृश्चिक :- राहू का गोचर सप्तम भाव मे होने से अविवाहितों का विवाह योग बनेगा व श्रेष्ठ जीवनसाथी मिलेगा , यह समय स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है अतः विशेष ध्यान दें !
धनु :- राहू का गोचर षष्ठम भाव मे होने से निरोगी परंतु पैरों मे चोट व दुर्घटनाओं का सामना कारण पड़ सकता है , बाहरी संबंधो से लाभ व खर्च मे वृद्धि होगी !
मकर :- राहू का गोचर पंचम भाव मे होने से शिक्षा मे परेशानियों के बावजूद सफता मिलेगी , प्रणय सुख के साथ तनाव मिलेगा , पेट व पीठ के दर्द से परेशान रह सकते हैं !
कुम्भ :- राहू का गोचर चतुर्थ भाव मे होने से नया घर व घर की आंतरिक सज्जा पर धन खर्च होगा , माता का स्वास्थ्य अस्थिर रहेगा , राहू की सप्तम दृष्टि दशम भाव पर होने से पद प्रतिष्ठा व धन लाभ होगा !
मीन :- राहू का गोचर तृतीय भाव मे होने से पराक्रम मे वृद्धि व कार्य सिद्धि होगी , भाइयों से लाभ प्राप्त होगा , भाग्य पक्ष प्रबल होने से आकस्मिक धन लाभ व पद की प्राप्ति होगी !
उपाय :- राहू के अशुभ फल की निवृति के लिए शुक्रवार के दिन नारियल मे मोली से सिक्का बांधकर अपने सिर से 3 बार उल्टी दिशा मे घुमाकर पीपल के पेड़ के नीचे रख दें या बहती नदी मे प्रवाहित कर दें !
राहू के शुभ फल की प्राप्ति के लिए ” ॐ ह्रीं भैरवाय नमः ” इस मंत्र का रुद्राक्ष की माला पर प्रत्येक शुक्रवार शाम के समय 108 बार जाप करें !
– Palmist DK Shastri –