धनतेरस महात्म्य
कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि के दिन धनतेरस पर्व मनाया जाता है है जिसे “ धन त्रयोदशी ” भी कहते हैं। यह आयुर्वेद के देवता धन्वन्तरी महाराज का जन्म दिवस भी है , इस दिन विशेष रूप से कुबेर देवता व धन्वन्तरी देवता की पूजा धन व निरोगी काया की प्राप्ति के लिए की जाती है , सूर्यास्त के बाद घर के बाहर दक्षिण दिशा मे यम के नाम तेल का दिया जलाया जाता है , ऐसा करने से पितृ प्रसन्न रहते हैं । धन त्रयोदशी के दिन विशेष रूप से नया पात्र ( बर्तन ) खरीदना शुभ माना जाता है ।
धनतेरस 2020 पूजा मुहूर्त
धनतेरस पूजन का पुण्य काल शाम 05 बजकर 28 मिनट से शाम 05 बजकर 59 मिनट के मध्य व्याप्त रहेगा।
कुबेर देवता का अमोघ मंत्र ( धन दायक )
“ ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय , धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा “
धन तेरस के दिन 1 या 108 धन लक्ष्मी कौड़ी अपने सन्मुख रख 11000 बार इस मंत्र का जाप करें , तत्पश्चात कौड़ी को लाल वस्त्र मे लपेटकर अपनी तिजोरी मे स्थापित कर दें , ऐसा करने से आपके धन का भंडार हमेशा भरा रहेगा ।
कलश पूजन सामाग्री ( धन्वन्तरी महाराज )
धनतेरस के दिन अपने घर पर ईशान कोण में शास्त्रोक्त विधि के द्वारा कलश स्थापना ,कुबेर पूजन व यम पूजन करना चाहिए , इससे वर्ष भर व्याद्धियों का शमन व धन धान्य में वृद्धि होती है तथा समस्त भौतिक आकांक्षाओं की पूर्ति होती है
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